Short motivational story in Hindi for success

Short motivational story in Hindi for success दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसी मोटिवेशनल कहानी के बारे में जो आपको जीवन में सफल होने में बहुत ज्यादा मदद करेगी। अगर आपने जीवन में सफल होना चाहते है तो आपको बीच-बीच में मोटिवेशन की जरूरत भी पड़ती है जो आपके अंदर एक नई उर्जा का संचार करती है। मोटिवेशन में बहुत ताकत होती है जो किसी भी इंसान में एक ऊर्जा का संचार कर देती है मानो किसी मुर्दे इंसान में जान डाल दी गई हो।

Short motivational story in Hindi with moral
Short motivational story in Hindi

एक गाँव में राम और गोपाल नाम के दो दोस्त रहते थे। राम की उम्र ग्यारह साल की थी और गोपाल की उम्र पांच साल की थी। यह दोनों बहुत ही पक्के दोस्त थे। यह साथ मे खाते-पीते, साथ से खेलते-कूदते बहुत ही जिगरी दोस्त थे। यह अपना ज्यादातर समय एक दूसरे के साथ ही बिताते थे । एक दिन यह दोनों खेलते-खेलते अपने गाँव से कब दूर चले गए इन्हें खुद पता नहीं चला। यह दोनों खेल में इतने ज्यादा मग्न थे कि इनको पता ही नहीं चला कि यह एक कुंए के पास आ गए।राम का पैर अचानक से फिसल गया और वो कुएं में जा गिरा।और जोर-जोर से चिल्लाने लगा बचाओ-बचाओ। राम को तैरना भी नहीं आता था ।जब गोपाल ने यह देखा तो वो बहुत ज्यादा डर गया और अपने आस-पास देखने लगा ताकि वो किसी को मदद के लिए बुला सके । पर जब उसने चारों तरफ नजर घुमाई तो देखा कि दूर-दूर तक कोई भी नही है ।

उस समय उसने कुएं के पास रस्सी से बंधी एक बाल्टी देखी और कुएं के अंदर फेंक दिया और अपने दोस्त को कहा तुम इसे पकड़ लो मैं तुम्हें ऊपर खींच लूंगा। राम ने जोर से उस रस्सी को पकड़ लिया और उसके बाद गोपाल उसे ऊपर खींचने लगा । उस समय उसके दिमाग में बस यही चल रहा था कि मैने किसी भी कीमत में अपने दोस्त को बचाना है। और वह तब तक कोशिश करता रहा जब तक उसका दोस्त कुएं से बाहर नहीं निकला गया। जब राम कुएं से बाहर निकला तो गोपाल उसे देखकर बहुत ज्यादा खुश हुआ और उसे जोर से गले से लगाकर रोने लगा।


अब वो घर की तरफ जाने लगे और अब उनके दिमाग में यही बात चल रही थी कि अगर हमारे घरवालों को यह बात पता चली तो हमारी बहुत पिटाई होगी। पर उन्होंने डर-डर कर सारी बातें अपने घरवालों को बता दी । लेकिन उनकी पिटाई करने की बजाय उनके परिवार वाले उन पर हंसने लगे । क्योंकि उनको लग रहा था कि यह दोनों झूठ बोल रहे हैं भला कैसे एक पांच साल का बच्चा ग्यारह साल के बच्चे को कुएं से बाहर निकाल सकता है । यही बात उनके दिमाग में खटक रही थी और उन्होंने राम गोपाल की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

लेकिन धीरे-धीरे यह बात आग की तरह पूरे गाँव में फैल गई। सभी गाँव वाले राम-गोपाल का मजाक उड़ाने लगे। उसी गाँव में एक बूढ़ा समझदर भी रहता था जिसकी बातों को सारे गांव वाले मानते थे। इस बूढ़े व्यक्ति को गांव वाले बहुत ज्यादा समझदार मानते थे और उनका गाँव में काफी ज्यादा मान-सम्मान भी था। उस बूढ़े व्यक्ति ने बिना सवाल-जवाब किए राम गोपाल की बातों को मान लिया। लेकिन अब पूरे गाँव वाले दुविधा में थे कि कैसे एक पांच साल का बच्चा ग्यारह साल के बच्चे की मदद कर सकता है। इसी सवाल का जवाब लेने के लिए पूरे गाँव वाले उस बूढ़े समझदार के घर के पास घेरा बना कर इक्कठे हो गए । गांव वालें अब उस बुर्जुग समझदार से यह सवाल करने लगे कि जो बात हमे समझ नहीं आई वो आपको कैसे समझ आ गई ? आप हमारे सवालों का जवाब दे ।

उस बूढ़े समझदार ने कहा क्या तुमने इन बच्चो की बातों को ध्यान से नही सुना कि इन्होंने क्या कहा । जब गोपाल मदद के लिए लोगों को चारों तरफ देख रहा था तो उसके आस-पास कोई नहीं था । और यहीं उसकी सबसे बड़ी ताकत बनी । गाँव वालों ने सवाल किया वो कैसे ? फिर उस बूढ़े समझदार ने मुस्कुराते हुए इस सवाल का जवाब बहुत अच्छे से दिया कि जब यह बच्चा अपने दोस्त की मदद कर रहा था तो उसके आस-पास उसे यह कहने वाला कोई नहीं था कि तू यह काम नहीं कर सकता । कोई भी नहीं शायद वह खुद भी वहा मौजूद नहीं था तभी वो पांच साल का बच्चा इतनी हिम्मत दिखा पाया है।

Moral of the Story


इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमने जीवन में हार और जीत किसको गले लगाना है यह बस हम पर निर्भर करता है। उस 5 साल के बच्चे ने कैसे हिम्मत दिखाकर अपने दोस्त की जान बचाई क्योंकि उस समय वहां पर ऐसा कोई शख्स मौजूद नही था जो उसकी हिम्मत को तोड़ सके और उसे यह कह सके कि तू यह नही कर सकता। उस समय उस बच्चे के दिमाग में बस यही चल रहा था कि मैंने किसी भी हालत में अपने दोस्त को बचाना है और उसने ऐसा किया भी ।

शायद अगर उसके आस-पास लोग होते तो वो कोशिश करने से पहले ही हिम्मत हार जाता । दोस्तों यह दुनिया ऐसी है कि जो आपको हौंसला देना तो दूर की बात है बल्कि आपकी हिम्मत तोड़ने के लिए हमेशा तेयार रहती हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आपने लोगों की बातों को सुनना है या फिर उनको नजरंदाज करना है। जीवन में अगर सफल होना हैं तो सबसे पहले आप बेहरे हो जाओ और किसी की बात तब तक न सुनो जब तक आप जीवन में एक मुकाम हासिल ना कर लो फिर देखना कैसे यह दुनिया आपके कदमों में होगी।

अन्य पढ़े: –

Leave a Comment